Rajasthan Geography Class Notes ( 1 ) | राजस्थान की जलवायु

Climate Of Rajasthan Gk Notes in Hindi अगर आप राजस्थान रीट या 1st/2nd ग्रेड शिक्षक, LDC  की तैयारी कर रहे है तो आज हम आपके लिए Rajasthan Geography Class Notes ( 1 ) | राजस्थान की जलवायु से संबंधित सम्पूर्ण नोट्स लेकर आये है जो आपको आगे पेपर में काम जरूर आएंगे रोजाना चाहे वह राजस्थान का कोई भी एग्जाम हो आप राजस्थान की जलवायु के सभी टॉपिक शार्ट रूप में यहाँ से तैयार कर सकते है 

Rajasthan Geography Class Notes ( 1 ) | राजस्थान की जलवायु हम आपके लिए ऐसे ही महत्वपूर्ण नोट्स लेकर आएंगे जिससे आप प्रैक्टिस कर सकते है इसमें आपको राजस्थान जीके की तैयारी के लिए राजस्थान की जलवायु की सम्पूर्ण जानकारी एवं महत्वपूर्ण प्रश्न उपलब्ध करवाए गए है जो आपको राजस्थान के सभी पेपर में काम आएंगे 

Rajasthan Geography Class Notes ( 1 ) | राजस्थान की जलवायु

– भारतीय मानसून एवं जलवायु की सर्वप्रथम व्याख्या अरबी यात्री अलमसूदी ने की थी।
– किसी स्थान की दीर्घकालीन अवस्था जलवायु तथा अल्पकालीन अवस्था मौसम कहलाती है।
– जलवायु के निर्धारक घटक तापक्रम, वायुदाब, आर्द्रता, वर्षा एवं वायु वेग हैं।
–  किसी भी क्षेत्र का उसके दाबताप व आर्द्रता का आंकलन ही ऋतु व जलवायु कहलाता है।
– किसी भी क्षेत्र की जल वायु ज्ञात करने के लिए अक्षांश महत्त्वपूर्ण होते हैं तथा अक्षांशों की सहायता से ही उस क्षेत्र की जलवायु का निर्धारण किया जाता है। अक्षांशों के द्वारा विश्व को निम्नलिखित ताप कटिबंध क्षेत्रों में बाँटा गया है–

– राजस्थान का 1% भाग (डूँगरपुर व बाँसवाड़ा का दक्षिणी भाग) उष्ण ताप कटिबंधीय क्षेत्र में आता है तथा शेष 99% यानी कर्क से उत्तरी क्षेत्र शीतोष्ण ताप कटिबंधीय क्षेत्र में आता है।
– 231/2° अक्षांशों से 35° अक्षांशों तक उपोष्ण जलवायु क्षेत्र आता है।
– इसी कारण राजस्थान की जलवायु शीतोष्ण ताप कटिबंधीय क्षेत्र में होते हुए भी उपोष्ण प्रकार की है।

जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक-


1. अक्षांशीय स्थिति-
– राजस्थान 23°3’ उत्तरी अक्षांश से 30°12’ उत्तरी अक्षांशों के मध्य स्थित है।
– राजस्थान का धुर दक्षिण का भाग उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में आता है जबकि अधिकांश भाग उपोष्ण कटिबंध में आता है।
– शीत ऋतु की समताप रेखाएँ अक्षांश रेखाओं के लगभग समान्तर दिखाई पड़ती हैं जिसमें तापमान में कर्क रेखा और 30° उत्तरी अक्षांश में अंतर प्रस्तुत होता है।
– भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है, अतः राजस्थान की स्थिति भी उत्तरी गोलार्द्ध में है। राजस्थान उपोष्ण कटिबन्ध में आता है, लेकिन राजस्थान की जलवायु उष्ण कटिबन्धीय मानसूनी जलवायु है।

2. समुद्र से दूरी-
– अरब सागर का समुद्र तट राजस्थान से लगभग 350 किलोमीटर दूर है। अत: समुद्री प्रभाव नगण्य है।
– यहाँ की जलवायु महाद्वीपीय जलवायु से मुक्त है जो गर्म और शुष्क होती है, जिससे यहाँ नमी कम होती है।
– समुद्र से दूरी बढ़ने पर शुष्कता बढ़ती है और आर्द्रता घटती है- जैसे – जोधपुर व कलकत्ता एक ही अक्षांश पर स्थित, परंतु जोधपुर की जलवायु शुष्क जबकि कलकत्ता की जलवायु आर्द्र प्रकार की है।

3. भूमध्य रेखा से दूरी-
– राजस्थान भूमध्यरेखा से 2595.62 किलोमीटर दूर स्थित है।

4. स्थान की समुद्र तल या धरातल से ऊँचाई-
– प्रति 165 मीटर की ऊँचाई पर 1°C तापमान कम हो जाता है। अतः माउण्ट आबू ठण्डा रहता है। राजस्थान के सामान्य तापमान व माउण्ट आबू के ताप में लगभग 11°C का अन्तर है।
– राजस्थान की धरातलीय ऊँचाई 370 मीटर से कम है एवं अरावली पर्वतमाला और दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र की धरातलीय ऊँचाई 370 मीटर से अधिक है।
– पश्चिमी रेतीले भू-भाग में ग्रीष्म ऋतु में दिन का तापमान कभी-कभी 50°C तक पहुँच जाता है वहीं रात्रि का तापमान 14°C से 17°C तक पहुँच जाता है।
– शीत ऋतु में तापमान कभी हिमांक बिंदु से भी नीचे पहुँच जाता है और पाला पड़ना तो एक सामान्य बात है।
– शीत ऋतु में पश्चिमी हवाओं के साथ आने वाले शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात जब राजस्थान से होकर गुजरते हैं, तब उत्तरी राजस्थान में अधिक तथा अन्य भागों में कम वर्षा करते हैं।

5. अरावली पर्वतमाला की स्थिति-
– अरावली पर्वतमाला उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर राज्य के मध्य भाग में कर्णवृत्त रूप में फैली हुई है जो अरब सागरीय मानसून के समानान्तर है। इस कारण राजस्थान में अधिक वर्षा नहीं हो पाती है।
– वर्षा ऋतु में दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व को बहने वाली मानसूनी हवाएँ इनके सहारे-सहारे हिमालय पर्वत तक पहुँच जाती हैं।
– राजस्थान में वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून की बंगाल की खाड़ी शाखा से होती है, जिससे राजस्थान में अरावली पर्वतमाला के पूर्व में वर्षा अच्छी होती है जबकि पश्चिमी भाग में न्यूनतम वर्षा होती है।

6. भौगोलिक स्थिति (प्रकृति)-
– राजस्थान विश्व के सबसे युवा मरुस्थल (थार) का भाग है। अतः यहाँ गर्म जलवायु रहती है।
– विभिन्न ऋतुओं में तापमान की विषमताओं के कारण राजस्थान की जलवायु को महाद्वीपीय जलवायु कहा जाता है।

राजस्थान के जलवायु प्रदेश (भारतीय मौसम विभाग द्वारा प्रस्तुत)-
– राजस्थान के जलवायु प्रदेश के निर्धारण में वर्षा एवं तापक्रम मुख्य मापदण्ड हैं, तापक्रम की अपेक्षा वर्षा को अधिक महत्त्व दिया जाता है और इस आधार पर पाँच भागों में जलवायु प्रदेश को बाँटा गया है–

( जारी रखने के लिए पार्ट – 2 पढ़े )

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